Services

CTVS Department
(Cardiothoracic and Vascular Surgery)

ABOUT CTVS DEPARTMENT

The Cardiothoracic and Vascular Surgery (CTVS) Department specializes in the surgical treatment of diseases related to the heart, lungs, chest, and blood vessels. This department plays a critical role in diagnosing, managing, and surgically treating patients with complex cardiovascular and thoracic conditions.

Key Services Offered:

Team

Meet Our Expert Team

DR Sourabh Sharma
Cardiovascular & Throacic Surgeon

INTRODUCING

Dr. Sourabh Sharma Is Well Known Cardiovascular and Thoracic Surgeon of Kota Rajasthan. Dr. Sourabh Sharma Take Better Care your Heart , Because Of His Vast Experience With The Most Challenging Cases. With A Special Emphasis On Diagnosis And Treatment Of Even The Most Advanced And Complex HeartConditions. He Has 10 + YEARS Exp. Post MCH Worked As SR In DEPT OF CTVS SMS MEDICAL COLLEGE. Previously associated As Consultant Cardiac Surgeon In Heart And General Hospital Jaipur, Worked As Chief Consultant Cardiac Surgeon In Satya Sai Heart Hospital, Rajkot . Now Working As Chief Consultant Cardiac Surgeon At Bharat Vikas Parishad Hospital, Kota.

Independently Done More Than 4000 Open Heart Procedures Like Valve Replacement, Off Pump CABG, ASD And VSD Closure, ICR For TOF And DORV VSD PS, PAPVC TAPVC, GLENN, FONTAN, Etc And Various Other Pediatric Cardiac Surgeries. Have Done Number Of REDO Open Heart Surgeries Including REDO CABG Also Various Vascular And Thoracic Surgeries And Special Cases.

Bharat Vikas Parishad Hospital and Reserch Center
Dr. Saurabh Sharma
M.B.B.S. ,M.S.(Gen.Surgery) ,Mch.(Ctvs)
cardiovascular & thoracic surgeon

Exp-10+ YEARS

Key Highlights

Bharat Vikas Parishad Hospital CTVS Surgery.
YEAR SURGERY
2018 77
2019 512
2020 524
2021 559
2022 522
2023 494
2024 536

Our Services

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Minimally Invasive Cardiac Surgery
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Thoracic Surgery
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Vascular Surgery
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Coronary Artery Bypass Grafting (CABG)
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Congenital Heart Surgery
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Valve Surgery

The CTVS Ward is a specialized unit dedicated to the care of patients before and after cardiac, thoracic, and vascular surgeries. It is equipped with skilled staff, advanced monitoring systems, and infection control practices to ensure the highest quality care.

Pre-operative Care
Post-operative Care
Ward Facilities
Patient Education & Discharge Planning
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Operation Theatre
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Intensive Care Unit (ICU)
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Intensive Care Unit (ICU)
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Intensive Care Unit (ICU)

News & Media

Bharat Vikas Parishad Hospital and Reserch Center
OPEN Surgery by Dr. Sourabh Sharma Kota
अति दुर्लभ ओपन हार्ट सर्जरी कर बचाई दो साल की बच्ची की जान |

रंगबाड़ी स्थित मधु स्मृति संस्थान, बाल गृह के सहयोग से 17 वर्षीय निराश्रित बालक लोकेश सुमन को जीवनदान मिला है। बालक जन्मजात हृदय रोग ‘काॅन्जेन्टियल ट्राइकस्पिड वाॅल्व डिस्प्लासिया’ से ग्रसित था। मधु स्मुति संस्थान की संचालिका बृजबाला निर्भीक ने बताया कि बालक पिछले आठ माह से आवासित संस्था में निवासरत था। इसकी बीमारी के बारे में पता चलने पर बालक का राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कल्याण योजना के अंतर्गत बालक का उपचार करवाने हेतु पंजीयन करवाया गया था। इस योजना के तहत गंभीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों का उपचार सरकार की ओर से कराया जाता है। लोकेश के उपचार के लिए राज्य सरकार द्वारा बालक के उपचार में खर्च राशि की स्वीकृति प्रदान की गई। जिसके तहत 6 अप्रैल को भारत विकास परिषद चिकित्सालय में कार्डियक सर्जन डाॅ. सौरभ शर्मा व चिकित्सकों की टीम ने बालक का आॅपरेशन किया। संस्थान की संचालिका बृजबाला निर्भीक, संरक्षक हरगोविन्द निर्भीक एवं डाॅ. अंजली निर्भीक ने बालक का आॅपरेशन करने वाली चिकित्सकों की टीम का आभार प्रकट किया।

लोकश का आॅपरेशन करने वाले काॅर्डियक सर्जन डाॅ. सौरभ शर्मा ने बताया कि ‘काॅन्जेन्टियल ट्राइकस्पिड वाॅल्व डिस्प्लासिया’ एक दुर्लभ बीमारी है। जिसमें हृदय का वाल्व सुचारू रूप से काम नहीं करता। रक्त लीकेज होता है जिसकी वजह से हृदय के चैम्बर का आकार काफी बढ़ जाता है। इस बीमारी की वजह से बालक के शरीर में पानी भरना शुरू हो गया था। इसके अलावा लंग्स, लीवर और हृदय की झिल्लियों में पानी भर गया था। बालक को सांस लेने में परेशानी हो रही थी। यह केस काफी जटिल था। करीब आठ घंटे तक बालक की ओपन हार्ट सर्जरी चली। इस दौरान वाल्व को बदलने की जगह प्राकृतिक वाल्व को ही रिपेयर किया गया था। जिसे ट्राइकस्पिड वाल्व कहा जाता है। मधु स्मुति संस्थान ने न्यू मेडिकल काॅलेज के सहयोग से बालक के आॅपरेशन के लिए 4 यूनिट ब्लड की व्यवस्था करवायी। बालक अभी आईसीयू में चिकित्सकों की निगरानी में है जिसे 4 दिन बाद सामान्य वार्ड में शिफ्ट किया जाएगा।

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1.5 Inch Chira Lakar Valv-Badla by Dr. Sourabh Sharma Kota
भारत विकास परिषद चिकित्सालय के डॉ. सौरभ शर्मा ने एमआईसीएस तकनीक से मात्र डेढ़ इंच का चीरा लगाकर हार्ट का वाल्व बदला, दूसरे ही दिन खुद चलने लगा मरीज |

भारत विकास परिषद चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र के कार्डियक सर्जन डॉक्टर सौरभ शर्मा हार्ट सर्जरी में निरन्तर नये कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। इस बार उन्होंने एक 23 वर्षीय युवक के हार्ट की सर्जरी के लिए मात्र डेढ़ इंच का चीरा लगाकर सवा इंच का वाल्व बदलने में सफलता हासिल की है। यह एमआईसीएस तकनीक होती है, जिसके तहत हार्ट सर्जरी में छोटा चीरा लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस ऑपरेशन की खास बात यह भी है कि मरीज ऑपरेशन के दूसरे दिन बिना किसी सहारे के खुद ही चलने भी लगा है। मरीज की छाती पर देखने से ओपन हार्ट सर्जरी के लिए लगाया गया चीरा फोड़े फुंसी के लिए लगाए गए चीरे के समान ही दिखाई दे रहा है। छोटे से चीरा लगाकर ऑपरेशन करने से मरीज की रिकवरी ग्रोथ भी काफी अच्छी है।

भारत विकास परिषद चिकित्सालय के हार्ट सर्जन डॉ. सौरभ शर्मा ने बताया कि केशोरायपाटन बूंदी निवासी 23 वर्षीय युवक जितेन्द्र के वाल्व में तकलीफ थी, करीब तीन-चार साल से उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, एक फ्लोर भी सीढ़ी नहीं चढ़ पा रहा था जब वो यहां ओपीडी में दिखाने आया तो उसे देखने से लगा कि वो मिनिमल इन्वेसिव कार्डियक सर्जरी के लिए फिट है। उन्होंने बताया कि छोटा चीरा लगाकर सर्जरी करने से मरीज की रिकवरी बहुत अच्छी है, मरीज करवट ले रहा है, चल फिर रहा है। उन्होंने बताया कि ऐसे ऑपरेशन के लिए तकनीकी गुणवत्ता का होना बेहद आवश्यक है, आसानी से ऑपरेशन करना संभव नहीं होता। इस ऑपरेशन में करीब ढाई घंटे का समय अतिरिक्त लगा। इसलिए जटिल थी यह सर्जरी

डॉ. सौरभ शर्मा ने बताया कि पारंपरिक तकनीक यानी ओपन हार्ट सर्जरी में लगभग 9 इंच लंबा चीरा लगाया जाता है। वहीं सीने की हड्डी को काटकर ऑपरेशन किया है। लेकिन इस तकनीक की मदद से केवल डेढ़ इंच चीरे से सर्जरी की गई। इससे सीने की हड्डी को नहीं काटना पड़ा और मामूली चीरे से ही सर्जरी की गई। इस केस में मरीज व तीमारदार दोनों को ज्यादा देखभाल की आवश्यकता नहीं पड़ी। एमआईसीएस तकनीक से रोगी को ये फायदा एमआईसीएस तकनीक में छोटे से चीरे से सर्जरी की जाती है, जिससे रोगी बहुत जल्द स्वस्थ हो जाता है। यह चीरा बिल्कुल भी दिखाई नहीं देता है। साथ ही पोस्ट ऑपरेटिव दर्द, रक्तस्त्राव एवं संक्रमण का खतरा भी काफी कम होता है। इलाज के दौरान रोगी को हॉस्पिटल में ज्यादा दिन तक भर्ती भी नहीं रहना पड़ता।

हाड़ौती के लिए गौरव की बात
भारत विकास परिषद चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र के संरक्षक श्याम शर्मा ने बड़े महानगरों की तर्ज पर कोटा में हार्ट की बीमारी के निरन्तर बड़े और जटिल ऑपरेशन उच्च तकनीक एवं गुणवत्ता के साथ होना गौरव की बात है। उन्होंने भाविप के हार्ट सर्जन डॉ. सौरभ शर्मा को रोगियों के उपचार में निरन्तर नये मुकाम हासिल करने के लिए शुभकामनाएं दी। अध्यक्ष राजकुमार गुप्ता ने बताया कि मरीज गरीब परिवार से है, जिसका ऑपरेशन सरकारी योजना में निशुल्क हुआ है। उन्होंने बताया कि बड़े शहरों में उच्च तकनीक और अनुभव से होने वाले जटिल ऑपरेशन कोटा में भी होने से लोगों को समय और पैसे दोनों की बचत होगी।

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1.5 Inch Chira Lakar Valv-Badla by Dr. Sourabh Sharma Kota
निराश्रित बालक लोकेश को मिला जीवनदान -आठ घंटे वाली ओपन हार्ट सर्जरी |

भारत विकास परिषद चिकित्सालय में रंगबाड़ी स्थित मधु स्मृति संस्थान बालगृह के सहयोग से 17 साल के निराश्रित बालक लोकेश सुमन की हार्ट सर्जरी कर जीवन दान दिया गया। कार्डियक सर्जन डॉ. सौरभ शर्मा व चिकित्सकों की टीम ने 8 घंटे में बालक का सफल ऑपरेशन किया।

हार्ट के वॉल्व में थी दिक्कत
कार्डियक सर्जन डॉ. सौरभ शर्मा ने बताया कि यह दुर्लभ बीमारी है, जिसमें हृदय का वाल्व सुचारु रुप से काम नहीं करता है। रक्त लीकेज होता है जिसकी वजह से हृदय के चैम्बर का आकार काफी बढ़ जाता है। इसी बीमारी की वजह से बालक के शरीर में पानी भरना शुरू हो गया था। इसके अलावा लंग्स, लीवर और हृदय की झिल्लियों में पानी भर गया था। बालक को सांस लेने में परेशानी हो रही थी। यह केस काफी जटिल था। करीब 8 घण्टे तक बालक की ओपन हार्ट सर्जरी चली। इस दौरान वाल्व को बदलने की जगह प्राकृतिक वाल्व को ही रिपेयर किया गया। ट्राइकस्पिड वाल्व कहा जाता है। मधु स्मृति संस्थान ने न्यू मेडिकल कॉलेज के सहयोग से बालक के ऑपरेशन के लिए 4 यूनिट ब्लड की व्यवस्था करवाई।

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